*तेरी ख़ामोशी , अगर तेरी मज़बूरी है........*
*तो रहने दे , इश़्क कौन सा जरुरी है........*
कोई पूछेगा जिस दिन वाक़ई ये ज़िंदगी क्या है....
ज़मीं से एक मुट्ठी ख़ाक ले कर हम उड़ा देंगे....
*एक चाहत होती है, जनाब़..* *अपनों के साथ जीने की ..*
*वरना पता तो हमें भी है कि... ऊपर अकेले ही जाना है*
*दुल्हन कि तरह सजा दूँगा आपको..बस जरा इजाजत तो दीजिए..*
*लफ्जो में हमारे.."सोलह सिंगार" रहते हैं..!!*
हर हाल में हँसने का हुनर था जिनमें,
वो लोग रोने लगे हैं, "कोई तो बात होगी!"
कोई था ही नहीं समझाने के लिए,
फिर दर्द ने ही दर्द को तसल्ली दी है.
कभी यादें कभी आँखों में पानी भेज देता है,
वो खुद आता नहीं अपनी निशानी भेज देता है।
सहर हुई तो उसने मुझे बुझा भी दिया,
रात भर जला, जिसका घर रोशन करने के लिये।
" अज़ब तब्दीली हुई है उसमें मेरे इश्क़ के बाद---!!!
नाम भी ले कोई मेरा तो आँचल ओढ़ लेती है---!!!
*बड़े अजीब अकेलेपन से गुजरते हैं, ये खण्डहर भी..!*
*देखने तो बहुत आते हैं, रहता कोई नही...!!*
*तुम मुझे ढूँढो*
*में तुम्हे ढूँढू...!*
*हममें से कोई एक*
*खो गया है कहीं...!*
♣
शीशें में डूब कर पीते रहे उस जाम को,
कोशिशें तो बहुत की मगर भुला ना पाए एक नाम को.
*कुछ तो नशा होगा तेरे इश्क में ऐ दिलबर...*
*सारी आदते अपनीे छोड के हम, तलब तेरी जो लगा बैठे है.....*
🌹🌹
💞 *टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,* 💔👈🏼
*चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में..*💞💕💕
आदत बदल गयी है वक़्त काटने की ,
अब तो हिम्मत भी नही होती ,
किसी से अपना दर्द बाटने की
उनकी फितरत है वो दर्द देने की रस्म अदा कर रहे हैं.....
हम भी उसुलो के पक्के हैं दर्द सहकर भी वफा कर रहे हैं.....
"तुम्हारी #फूल सी फितरत, मेरा #काटेंदार वजूद,
"तो, क्यों ना मिलकर हम #गुलाब 🌹हो जाएं__😘
हमारी शायरियों के जादू से,
तुम कहाँ वाकिफ हो ???
हम उन्हें भी मुहब्बत सिखा देते हैं,
जिन्हें इश्क का शौक़ भी ना हो..💕❤
💖 *नफ़रत करना तो कभी सिखा ही नहीं* *साहेब*
*हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर....*💖
कब कहाँ किसी हकीम से इश्क़ का मर्ज़ सुधरता है...
मुहब्ब्त की सीढियां जो चढ़ता है वही उतरता है...!!
*उम्र भर कौन निभाता है तआल्लुक इतना*
*ऐ मेरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह सलामत रक्खे*
खुद को बा वजू किया तेरे तसव्वुर से भी पहले,
मैंने इस दर्जा तेरी मोहब्बत को पाकीज़ा रखा।
दो शब्द तेरे होठों से चुराये, दो तेरी आंखों से,
और लिख दी एक मुकम्मल किताब इश्क पर।
💞🌹तू मिले या ना मिले..... ये मेरे मुकद्दर की बात है,
"सुकून" बहुत मिलता है..... तुझे अपना सोचकर.....🌹💞
💞 💞
----♥जितने एहसास हैं मेरे अंदर तुम्हारे लिए----♥
----♥उतने तो शब्द भी नही होते किताबों में----♥
🌹गजब़ प्यास के मारे हैं हम दोनों इस जहां में........
तुम्हारे सामने दरिया है और मेरे सामने तुम........✍🏻
*“मांगना ही छोङ दिया हमने वक्त किसी से,*
*क्या पता उनके पास इंकार का भी वक्त ना हो" ||*
*किसी की कमी जब महसूस होने लगे तो समझो,*
*ज़िंदगी में उसकी मौजूदगी बहुत गहरी हो चुकी है।*
खामोश से ये लब बहुत कुछ कह गये
🍂💎💎🍂
एक उनकी याद में हम तन्हा रह गये
बहुत मिलेंगे तुझे,......
वफा के नाम पर लूटने वाले, मगर,
कोई तेरे लिए अपनी अंखे नम करे तो,
उसे मेरा सलाम कहना।
...............💔😔
*परख से कब जाहिर हुई शख्सियत किसी की...*
*हम तो बस उन्हीं के हैं,जिन्हें हम पर यकीन है ।।*🍃
*तेरी ख़ामोशी , अगर तेरी मज़बूरी है........*
*तो रहने दे , इश़्क कौन सा जरुरी है........*
*एक आपके साथ के आगे जन्नत भी कुछ नही ..!!*
*और इसके आगे अब मेरी मनन्त भी कुछ नही ..!!*❣❣
फेंकी थी जिसने फाड़ के तस्वीर मेरी वो,
तन्हाईयो में रोया उसे जोड़ जोड़ कर।
💞💖 *दूर रहकर भी तुम्हारी हर ख़बर रखतें हैं...*.!!
*हम पास तुम्हें कुछ इस कदर रखते है....*!!💖💞
💞💫 *अरमा है दिल के तुमसे मोहब्बत बेशुमार चाहिए..!*! 🌹.
*लम्हे यादगार हो तुमसे कुछ क्षण उधार चाहिए....!!!!*💫💕
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